जब भारत की जीत की दुआ मांगने मस्जिद गए थे बलबीर..

जब भारत की जीत की दुआ मांगने मस्जिद गए थे बलबीर..

नई दिल्ली । भारतीय हॉकी के युगपुरुष बलबीर सिंह सीनियर की महानता का आकलन उनके पदकों या ट्रॉफियों  से ही नहीं बल्कि देश को सबसे ऊपर मानने के उस जज्बे से भी होता है जिसकी अमिट छाप वह दूसरे खिलाड़ियों पर छोड़ते थे और ऐसा ही वाकया विश्व कप 1975 के सेमीफाइनल में भारत की जीत के सूत्रधार रहे असलम शेर खान के साथ भी घटा। भारतीय टीम चंडीगढ़ में तैयारी के बाद कुआलालम्पुर विश्व कप खेलने गई थी और सेमीफाइनल में मलेशिया के खिलाफ एक गोल से पिछड़ रही थी । आखिरी सीटी बजने से चंद मिनट पहले टीम के मैनेजर बलबीर सीनियर ने असलम को पेनल्टी शॉट लेने बुलाया और उन्होंने बराबरी का गोल दाग दिया । भारत ने वह मैच जीतकर फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जगह बनाई और उसे 2-1 से हराकर विश्व कप अपने नाम किया । असलम ने लंदन से बताया  बलबीर सर ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे खुशी है कि मैं उस भरोसे पर खरा उतरा। उन्होंने कहा ,‘‘मैच से पहले की भी एक कहानी है जो बहुत लोगों को नहीं पता है । मैच शुक्रवार को था और मैं जुमे की नमाज पढ़ने जाने की तैयारी कर रहा था । बलबीर सर मेरे कमरे में आये और बोले कि असलम मैं भी तुम्हारे साथ मस्जिद चलूंगा। असलम ने कहा ,‘‘उन्होंने मुझसे कहा कि असलम मैं देखना चाहता हूं कि अल्लाह एक सिख की दुआ कबूल करते हैं या नहीं । हम मस्जिद पहुंचे तो पूरी पाकिस्तानी टीम और कोच वहां नमाज पढ़ने आये थे । बलबीर सर को देखकर पाकिस्तान के खिलाड़ी रशीद ने मुझसे कहा कि असलम एक नेक सिख मस्जिद में आया है जिसे भरोसा है कि ईश्वर एक है । अल्लाह ऐसे नेक इंसान की दुआ जरूर सुनेंगे। असलम ने बताया कि नमाज पढ़ने के बाद वह बलबीर के साथ गुरुद्वारे गए । उन्होंने कहा कि‘हमारी दुआ कबूल हुई और भारत ने विश्व कप जीता ।