अब नहीं रहेगा पहले जैसा स्कूल, बदल जाएगी मस्ती की पाठशाला, तैयारी शुरू

अब नहीं रहेगा पहले जैसा स्कूल, बदल जाएगी मस्ती की पाठशाला, तैयारी शुरू

नई दिल्ली ।  केंद्र सरकार जुलाई में जोन वाइज तरीके से दोबारा स्कूलों को खोलने की योजना बना रही है। सरकार पहले ग्रीन और  ऑरेंज  जिलों में स्कूलों को दोबारा खोलने की योजना बना रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर स्कूलों को खोलने के बारे में गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, क्लास 1 से 5 तक के छात्र, जो 6 से 10 साल की उम्र के हैं, उन्हें अगले तीन महीनों तक स्कूलों में भेजे जाने की कोई संभावना नहीं है। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को घर पर रखा जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित रहें, क्योंकि बहुत छोटे बच्चों को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों का पालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, इसलिए ऐसे बच्चे घर से अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि स्कूल सिर्फ 30% क्षमता के साथ फिर से खुल सकते हैं।

 स्कूल खुलने के साथ ही ये नियम लागू होंगे 

शिक्षकों को मास्क और दस्ताने पहनने की आवश्यकता होगी। स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे। पहले कुछ महीनों के लिए मॉर्निंग असेंबली भी प्रतिबंधित होगी। स्कूल कैंपस में विभिन्न स्थानों पर हैंड सैनिटेशन स्टेशन होंगे। माता-पिता को स्कूल परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी और बच्चों को गेट पर उतारना होगा। छात्रों के आने और जाने के लिए अलग-अलग गेट होंगे।

 शुरुआत कक्षा-9 से 12वीं के विद्यार्थियों से होगी स्कूल खोलने की शुरुआत पहले 

स्कूल खोलने की शुरुआत पहले क्लास 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के साथ की जाएगी, क्योंकि वे सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से जुड़ी दूसरी बातों का बेहतर ढंग से पालन कर सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बुनियादी दिशानिर्देश तैयार करने पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ काम कर रहा है। गृहमंत्रालय की हरीझंडी मिलते ही आगे के निर्देश जारी होंगे।

अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा

सभी छात्रों को कक्षा में अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा। प्रारंभ में, स्कूल कैंटीन कार्य नहीं करेगी और विद्यार्थियों को अपना दोपहर का भोजन लाने के लिए कहा जाएगा। बच्चों को अवकाश के दौरान कक्षा में उनका दोपहर का भोजन खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं बच्चों को कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देश भी समझाए जाएंगे।

 कक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा

छात्रों को कक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, जिसका अर्थ है कि दो छात्र आदर्श रूप से छह फीट अलग बैठेंगे। इसका मतलब है कि एक समय में एक साथ कक्षा में सभी छात्र उपस्थित नहीं होंगे। इस हिसाब से हर कक्षा को 15 से 20 छात्रों के बैच में विभाजित किया जाएगा। एक कक्षा के प्रत्येक बैच को वैकल्पिक दिनों पर बुलाया जाएगा।

 फिर से खोलना दिक्कत भरा हो जाएगा

जानकारों का कहना है कि वरिष्ठ छात्रों के लिए फिर से स्कूल खोलना दिक्कत भरा हो जाएगा। सभी वरिष्ठ कक्षाओं के सभी छात्रों को एक साथ नहीं बुलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार छात्र कुछ दिनों के लिए बैचों में पहुंचेंगे, ताकि स्कूल प्रशासन को बैठने की नई व्यवस्था और स्कूली जीवन के नए नियमों के बारे में जानकारी दी जा सके।